इज्जत भी मिलेगी तुम्हे दौलत भी मिलेगी, खिदमत करो माँ-बाप की जन्नत भी मिलेगी।
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?
अगर आप नेक इंसान हो और लोग आपको बुरा कहे तो चलेगा,
क्यूँकि यह इससे कही अच्छा है कि तुम बुरे हो और लोग तुम्हें अच्छा कहे.
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर हैं
जिसका अधिक प्रयोग करोगे वो उभरती व निखरती जायगी