घनिष्ठता में दुसरे के साथ बंधने की ताकत होती है.
ज़िन्दगी एक पल है, जिसमें न आज है न कल है,
जी लो इसको इस तरह, की जो भी आपसे मिले वो यही कहे,
बस यही मेरी ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है।
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
हर विश्वास में विश्वास रहने दो,
जुबान पर मिठास रहने दो,
यही तो अंदाज़ है ज़िन्दगी का,
ना खुद रहो उदास, ना दूसरों को रहने दो…