हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा
मिले हर कदम पर रजा-ए-खुदा
फना हो लब्ज-ए-गम यही हैं दुआ
बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा |
धागा एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने पर भी गाँठ पड़ ही जाती है
उसी तरह रिश्ते एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने में एक गाँठ बन ही जाती है
ज्ञानी इंसान कभी घमण्ड नहीं करता
और जिसे घमंड होता है ज्ञान उससे कोसों दूर रहता है
सफलता का कोई पैमाना नहीं होता –
एक गरीब बाप का बेटा बड़ा होकर ऑफिसर बने पिता के लिए यही सफलता है।
जिस इंसान के पास कुछ खाने को ना हो वो सुख पूर्वक 2 वक्त की रोटियां जुटा ले ये भी सफलता है
जिनका कद ऊँचा होता है
वो दूसरों से झुक कर ही बात करते हैं