नहीं बस्ती किसी और की सूरत अब इन आँखों में
काश की हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता |
Diwangi har raz khol deti hai,
Khamosi bhi har baat bol deti hai,
Shikayat hai muze sirf is dunia se,
Jo dil ke jazbat bhi paiso se tol detihai.
कई बार ली है तुमने तलाशियाँ मेरे दिल की
बताओ कभी कुछ और मिला है तुम्हारे सिवा!!
Kaise Ek Laphz Mein Bayaan Kar Doon Dil Ko Kis Baat Ne Udaas Kiya
रिश्ता ऐसा हो जिस पर नाज़ हो,
कल जितना भरोसा था उतना ही आज हो,
रिश्ता सिर्फ वो नहीं जो ग़म या ख़ुशी में साथ दे,
रिश्ते तो वो हैं जो हर पल अपनेपन का एहसास दें!