दुनिया की भीड़ में,
सबसे करीब जो है|
मेरे पापा मेरे खुदा,
मेरी तक़दीर वो है |
जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?
अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!