इश्क का होना भी लाजमी है शायरी के लिये..कलम लिखती तो दफ्तर का बाबू भी ग़ालिब होता।
हवाओं के साथ अरमान भेजा है
नेटवर्क के जरिए पैगाम भेजा है
फुर्सत मिले तो काबुल कर लेना
हमने आपको सबसे पहले
🌺 नवरात्रि🌺
🐚🐚का पैगाम भेजा है 🐚🐚
लिखना था की खुश हूँ तेरेबिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।
अपने खिलाफ बाते खामोशी से सुन लो,यकीन मानो वक्त बेहतरीन जवाब देगा।