मैंने दबी आवाज़ में पूछा - "मुहब्बत करने लगी हो?"नज़रें झुका कर वो बोली - "बहुत"
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.
जीत किसके लिए,हार किसके लिए,जिन्द गी भर यह तकरार किसके लिए,जो भी आया है वो जाऐगा एक दिन,फिर ये अहंकार किसके लिए।..
खुशबू बन कर मेरी सांसो में रहना,
लहू बन कर मेरी रग रग में बहना,
दोस्त होते हैं रिश्तों का अनमोल गहना,
इसलिये हर रोज़ सुबह हम से Good Morning कहना।