कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
ज्ञानी इंसान कभी घमण्ड नहीं करता
और जिसे घमंड होता है ज्ञान उससे कोसों दूर रहता है
सहस शील हृदय में भर देजीवन त्याग से भर दे,संयम सत्य स्नेह का वर देमाँ सरस्वती आपके जीवन में उल्लास भर दे!
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।