नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो…
दोस्त
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!!
Labo se tut gaye guftagu ke sab rishte
wo dekhta hei to bas dekhta hi rahta hei..
लोग पूछते हैं हमसे
कि तुम अपने प्यार का इज़हार क्यों नहीं करते;
तो हमने कहा जो लफ़्ज़ों में बयां हो जाए
हम उनसे प्यार उतना नहीं करते…