कुछ लम्हों की ज़िन्दगी है, ज़ी लो इसे खुशनसीबों के जैसा,
महकते रहो सदा फूलों के जैसा, अगर बिखरो तो बिखरो खुशबू के जैसा।
शुभ प्रभात..
सुबह-सुबह सूरज का साथ हो,
गुनगुनाते परिंदों की आवाज़ हो,
हाथ में चाय का कप, और यादों में कोई ख़ास,
उस खूबसूरत सुबह की पहली याद आप हो।
एक सुखद जीवन के लिए,
दिमाग में सत्यता, चेहरे पर प्रसन्नता
और हृदय में पवित्रता बहुत जरूरी हैं
शुभ प्रभात
जब हम गलत होते हैं,
तो समझौता चाहते हैं
और दूसरे गलत होते हैं...तो
हम न्याय चाहते हैं।
भूल होना प्रकृति है,
मान लेना संस्कृति है,
और सुधार लेना प्रगति है।
सुप्रभात