हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
मैंने ज़माने के एक बीते दोर को देखा है
दिल के सुकून को और गलियों के शोर को देखा है
मैं जानता हूँ की कैसे बदल जाते हैं इन्सान अक्सर
मैंने कई बार अपने अंदर किसी ओर को देखा है।
पता है तुम्हारी और हमारी
मुस्कान में फ़र्क क्या है?
तुम खुश हो कर मुस्कुराते हो,
हम तुम्हे खुश देख के मुस्कुराते हैं…
प्यार का तोफा हर किसी को नहीँ मिलता
ये वो फूल है जो हर बाग मे नही खिलता
इस फ़ूल को कभी टूटने मत देना
क्योकि टूटा हुआँ फूल वापीस नहीँ खिलता /..