न किसी के दिल की हूँ आरजू….
न किसी नज़र की हूँ जुस्तजू….
मैं वो फूल हूँ जो उदास हो…
ना बहार आए तो क्या करू …
पति- मुझे एक मीठा नींबू पानी का गिलास और बना दोपत्नी – मगर अभी तो दिया थापति- वो मै भूल से पानी समझ के पी गया
आज हम भी एक नेक काम कर आए,
दिल की वसीयत किसी के नाम कर आए,
प्यार हैं उनसे ये जानते हैं वो……,
मज़बूरी थी जो झुकी नज़रों से इनकार कर आए
हसरत ए दीदार के लिये
उसकी गली मे मोबाईल की दुकान खोली ……
मत पूछो अब हालात ए बेबसी ऐ गालिब,
रोज़ एक नया शख्स उनके नम्बर पे रीचार्ज़ करवानें आता है …..
लड़का: में तुमसे शादी नही कर सकता मेरे घर वाले मना कर रहे हे
लड़की: कोन कोन हे तुम्हारे घर में??
लड़का: एक बीवी और दो बच्चे।।