कदम डग मगा गये युही रास्ते से
वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से
जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
तुम मुझे कभी दिल, कभी आँखों से पुकारो ग़ालिब,
ये होठो का तकलुफ्फ़ तो ज़माने के लिए है|
तू बन जा मेरी कि इस कदर चाहूंगा तुझे
कि लोग दुआ करेंगे तुझसा नसीब पाने के लिए
बीते वर्ष को विदा इस कदर करते हैं,
जो कभी नहीं किया वो भी कर गुज़रते हैं,
नये वर्ष के आने की खुशिया तो सब मिलके मानते है,
हम इस बार बीत गए वर्ष के यादों की ख़ुशी मनाते हैं.
HAPPY NEW YEAR 2021
साधू:-बच्चा, तुझे स्वर्ग मिलेगा,लाओ कुछ दक्षिणा दे जाओ।लड़का:-ठीक है दक्षिणा में आपको मैंने दिल्ली दी।आज से दिल्ली आपकी हुई।साधू :-दिल्ली क्या तुम्हारी है ?जो मुझे दे रहे हो।लड़का :-तो स्वर्ग क्या तेरे बाप ने खरीद रखा है,जो तू उधर के प्लाट यहाँ बांट रहा है।