आकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चंडाल का,काल भी उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का..
खैरात में मिली ख़ुशी मुझे अच्छी नहीं लगती ग़ालिब,मैं अपने दुखों में रहता हु नवावो की तरह...
कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
Suruaat Se Dekhne Ki Aadat He Hume..Chahe Vo Film Ho Ya Dushman Ki Barbadi..
कोई पुछ रहा हे मुजसे मेरी जीन्दगी की कीमंत....मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना......