यहाँ से ढूंढ़ कर ले जाये कोई तो मुझ को। जहाँ मैं ढूंढने निकला था बेख़ुदी में तुझे।
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।
ज़ुबाँ पर बेखुदी में नाम उसका आ ही जाता है, अगर पूछे कोई ये कौन है बतला नहीं सकता।