Badal jab garajte hain, dil ki dharkan badh jati hai,
Dil ki har ek dharkan se awaz tumhari aati hai.
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है,…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं”….
जब रात को आपकी याद आती हैसितारों में आपकी तस्वीर नज़र आती हैखोजती है निग़ाहें उस चेहरे कोयाद में जिसकी सुबह हो जाती है !!!