Amitabh Bacchan: मैं हु DON.
Sharukh Khan: मैं हु DON.
Dawood Ibrahim: और मैं रामूकाका..
मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू ,सुना है आबशारों को बड़ी तकलीफ़ होती है|
खुदारा अब तो बुझ जाने दो इस जलती हुई लौ को ,चरागों से मज़ारों को बड़ी तकलीफ़ होती है| कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है ,क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है|
तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी ,मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है|
चेहरे पर हंसी छा जाती है,
आँखों में सुरूर आ जाता है,
जब तुम मुझे अपना कहते हो,
मुझे खुद पर गुरुर आ जाता है।
कुछ लम्हे और उसका साथ चाहता था,
आँखों में थमी वो बरसात चाहता था !!
जानता हु बहुत चाहती थी वो,
मगर उसकी जुबान से 1 बार इज़हार चाहता था...!!
Admin पर बिजली का तार गिर गया.
Admin तड़प तड़प के मरने ही वाला था
कि
अचानक...........
उसे याद आया बिजली तो 2 दिन से बंद है.
वापस उठकर, हँसते हुए बोला,
साला,,,।।।
याद नहीं आता तो मर ही जाता ।।।।😝😝😝😝😝😝