बचपन में तो हम भी श्री कृष्ण की तरह सुन्दर बच्चे थे....अब तो नौकरी के चक्कर में भैरो बाबा बन गए|- एक कर्मचारी
टीचर – कल स्कुल क्यों नहीं आया ?
पप्पू – अरे सर, कल तो छुट्टी थी न त्योंहार की ।
टीचर – कल कौन-सा त्योंहार था बे…
पप्पू – IPL
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
कामयाब होने वाले इंसान हमेशा खुश रहते हैं
और जो खुश रहते हैं वही कामयाब होते हैं..
ससुर -- तुम दारू पियत हो
कभी बताये नाही ॥
दामाद -- तोहार लड़की
खून पियत है, तुम बताय का??
जिन्दगी एक जंग है,
जबतक बीवी संग है.