रोज़ ये दिल बेकरार होता है,काश के तुम समझ सकते कीचुप रहने वालो को भी किसी से प्यार होता है...
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ
बहोत अंदर तक जला देती है,वो शिकायतें जो बयाँ नही होती..