जो झुकते है जिंदगी में वो बुझदिल नहीं होते यह हुनर होता है उनका हर रिश्ता निभाने का...
कमाल की निशानेबाज हो तुम
तिरछी नजर से भी सीधा दिल पे वार करती हो
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”
हाथ में घडी कोई भी हो, लेकिन वक़्त अपना होना चाहिए
सब कुछ झूठ है
लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है…
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है