मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं मेरे चाँद सा हसीनचाँद ने कहा - " हाँ बहुत बहुत लोगो के साथ"
Na Waqif The Hum Chahat K Asulon Se, Is Liye Barbaad Huye…..
Na Usne Apna Banaya Na Kisi Aur K Qabil Chodha..
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”
सुना है, खुदा के दरबार से कुछ फ़रिश्ते फरार हो गए,
कुछ तो वापस चले गए, और कुछ हमारे यार हो गए
पत्नी-You never gifted me diamont, pearls,goldपति मुट्ठी भर मिट्टी देता हपत्नी-ये क्यापति-मेरे देश की धरती सोना उगले,उगले हीरे मोतीपति बेघर ह