कुछ तो था उसके होठो पर ना जाने हम से क्यों शरमाती थी, एक दिन हँसी तो पता चला नालायक तंबाखू खाती थी|
मम्मी बोली - तू किसी शादी ब्याह में नाचता क्यों नहीं है।
मैं बोला - नाचती तो लड़कियां है
हम तो भोले के भक्त है
पी के तांडव करते है। चप्पल की रफ़्तार 140 km./
Hum Bhi Maujood The Takdeer Ke Darwaje Pe,
Log Daulat Par Gire Aur Humne Tujhe Maang Liya.
ताऊ : कुत्तो आयो है जा एक रोटी लियाताई : रोटी तो नी हैताऊ : तो लठ लिया खाली नी जावा दांगा।
हम तो अकेले ही चले थे मंजिले सफर
लड़कियां मिलती रही शादियां होती गई।
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कबीर बेदी