हथेली पर रखकर नसीबहर शख्स मुकद्दर ढूंढता हैसीखो उस समंदर सेजो टकराने के लिएपत्थर ढूंढता है.
Socha kisi apne se baat kare
apne kisi ko yaad kre
kiya jo faisla naye saal ki shubhkamnaye dene ka
dil ne kaha kyu na shuruaat apse kare
naye saal 2018 ki shubhkamnaye
हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं...
यूं तो तेरी महफिल में हमे चाहने वालो की कमी नहीं,पर हम तुझे चाहने में कोई खता करें ये भी तो हमें गवारा नही।
तू हमसफ़र तू हमडगर तू हमराज नजर आता है, मेरी अधूरी सी जिंदगी का ख्वाब नजर आता है, कैसी उदास है जिंदगी... बिन तेरे... हर लम्हा, मेरे हर लम्हे में तेरी मौजूदगी का अहसास नजर आता है।