इस गर्मी का आलम बस ...इतना समझ ले ग़ालिब....कपडे धोते ही सुख जाते है ।और पहनते ही गीले हो जाते है ।।
सारे दिन आदमी को घर में
बनियान में देख के पत्नियों ये
समझने लगती है कि
उनकी शादी किसी दिहाड़ी मजदूर से हुई है
और उसी हिसाब से काम बताती है
मुझे ना सताओ इतना कि मैं रुठ जाऊं तुमसे,
मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी साँसों से जुदा होना।
“हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।”
नीतीश ने कहा शराब छोड़
दो,
बीजेपी ने कहा मांस छोड़
योगी ने कहा रोमांस छोड़ दो,
एक दिन मोदीजी अाकर बस ये कह दे कि बीवी को ही छोड़ दो..बस गर्लफ्रेंड रखो
माँ क़सम ज़िन्दगी भर मोदी को वोट देकर जिताउँगा रे..