हमारे माँ – बाप हमको बचपन में शहजादों की तरह पालते हैं..लिहाज़ा…
हमारा ये फ़र्ज़ बनता है,,उनके बुढ़ापे में उनको बादशाहों की तरह रखें!
jab jab ghire badal teri yad aai jab jhum ke barsa sawan teri yad aai jab jab mai bhinga barish me teri har pal yad aai. ab or raha nahi jata chatri lauta de bhai
सुबह प्राणायाम करने वाले जितनी भी हवा खींचते हैं,....उसे चिप्स बनाने वाली कंपनियां खरीदकर चिप्स के पैकेट में बंदकर बेच देती हैं!
धागा एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने पर भी गाँठ पड़ ही जाती है
उसी तरह रिश्ते एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने में एक गाँठ बन ही जाती है
जो लोग
“बुरा न मानो, होली है”
ये कहकर रंग डाल जाते हैं
दिवाली आने पर आप भी
“बुरा न मानो, दिवाली है”
कहकर उनपर बम डाल देना