कभी शोख हैं,
कभी गुम सी है..
ये बारिशे भी तुम सी है..
कमाल की निशानेबाज हो तुम
तिरछी नजर से भी सीधा दिल पे वार करती हो
Ho Jaun Itna Madhosh Tere Pyar Mai
Ke Hosh Bhi Aane Ki Ijaazat Maange..
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है ,
ए दोस्तों.....
लेकिन पूरी उसकी ही होती है जो तक़दीर लेकर आता है .
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,जितना आप समेट पाए उतना आप हमें चाहते हैऔर जितना ना समेट पाए उतना हम आप को चाहते है...