हमने “क्रिस गेल” को एक तरफ “डव” से धोया…
.
फिर…..???बस फिर क्या…फिर डव को दो बार “टाइड” से धोना पड़ा!
जिंदगी एक सजासी हो गई है,
गम के सागर मे कुछ इस कदर खो गयी है,
तुम आजाओ वापिस ये गुजारिश है मेरी,
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है ।
“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!
वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
Diwangi har raz khol deti hai,
Khamosi bhi har baat bol deti hai,
Shikayat hai muze sirf is dunia se,
Jo dil ke jazbat bhi paiso se tol detihai.