अब तो हद हो गयी हैये अफवाह…कौन फैला रहा है की…अँक्टिवा के साइलेंसर पेबीबी का नाम लिखने से..बुलेट की आवाज आती है!!!
Hamen Taameer Ke Dhokhe Mein Rakhakar Hamaare Khvaab Chunavaaye Gae Hain
आँखों में ख़ुशी, लबों पर हंसी,
गम का कहीं नाम ना हो।
हर सुबह लाये, आपके लिए इतनी खुशियाँ,
जिसकी कभी शाम न हो।
खतरों के खिलाड़ी तो असल में वो लौंडे है
जो घर के बाहर घने कोहरे का फायदा उठाकर
रोज़ डे पर अपने दोस्त की GF से रोज़ ले लेते है
मालिक: अभी तक तुझ से मच्छर नहीं मरे ?
मेरे कानों में गुनगुना रहे हैं |
नौकर: साहब, मैंने मच्छर मार दिए हैं,
ये तो उनकी बीवियां हैं जो विधवा हो कर रो रहीं हैं |