दर दर की ठोकरे खाई माँ बाप ने
कि एक बेटा हो जाये...
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और वो
हरामखोर
facebook पर
pooja sharma बन कर बैठा है..
बैंक मैनेजर: कैश खत्म हो गया है कल आना.
रामू: लेकिन मुझे मेरे पैसे अभी चाहिए.
मैनेजर: देखिए आप गुस्सा मत करिए, शांति से बात कीजिये.
रामू: ठीक है बुलाओ शांति को, आज तो मैं उसी से बात करूंगा
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है
पतझड बसंत में बदल ही जाता हे
मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना
समय कैसा भी गुजर ही जाता है
बसंत पंचमी की बधाई
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
Don't watch the clock; do what it does. Keep going.