चाँद की हद १ रात तक है,सूरज की हद सिर्फ दिन तक है,हम दोस्ती में दिन-रात नहीं देखते,क्यूंकि हमारी दोस्ती की हद आखरी साँस तक है
हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया,
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया,
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे,
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया।
किसी गरीब की झोली में,
जब मैंने एक सिक्का डाला,
तब पता चला कि –
महंगाई के इस दौर में,
दुआएं, आज भी कितनी सस्ती हैं।
सौ बार तलाश किया हमने,
खुद को खुद में…
एक तेरे सिवा, कुछ नही
मिला मुझको, मुझ में..🌹