उसकी याद मे खुदको बर्बाद करता हूँ,
दुआ है मेरी उसे खुश रखना क्यूँकि उस हुस्न का सजदा मैं तेरे बाद करता हूँ.
जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
तुम हमारे सिवा,सभी के हो,
हम किसी के नहीं,तुम्हारे हैं
Dil Ki Dahleez Par Rakh Kar Teri Yaadon Ke Chiraag
Humne Duniyan Ko Mohabbat Ke Ujaale Bakhshey
मिलती नहीं है मंजिल साथी हो गर अकेलादोनों का दिल जहाँ मे चाहे लगा लो मेलादिल मिल गये तो फिर भी जंगल भी एक घर हैसाथी है खूब सूरत ये मौशम को भी खबर है ।
यहाँ से ढूंढ़ कर ले जाये कोई तो मुझ को। जहाँ मैं ढूंढने निकला था बेख़ुदी में तुझे।