बाल गंगाधर तिलक के विचार in Hindi

बाल गंगाधर तिलक के विचार IN HINDI

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स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।” ~ बाल गंगाधर तिलक

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आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेते, वह मेहनती व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होते हैं, इसलिए कार्य करना आरम्भ करें।” ~ बाल गंगाधर तिलक मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते, उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे

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आप मुश्किल समय में खतरों और असफलताओं के डर से बचने का प्रयास मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग में आयेंगे ही।” ~ बाल गंगाधर तिलक प्रातः काल में उदय होने के लिए ही सूरज संध्या काल के अंधकार में डूब जाता है और अंधकार में जाए बिना प्

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गर्म हवा के झोंकों में जाए बिना, कष्ट उठाये बिना,पैरों मे छाले पड़े बिना स्वतन्त्रता नहीं मिल सकती। बिना कष्ट के कुछ नहीं मिलता।” ~ बाल गंगाधर तिलक

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यदि भगवान छुआछूत को मानते हैं, तो मैं उन्हें भगवान नहीं कहूँगा।” ~ बाल गंगाधर तिलक

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यह सत्य है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है, लेकिन यह भी सत्य है कि हमारे लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है।” ~ बाल गंगाधर तिलक

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भारत का तब तक खून बहाया जा रहा है, जब तक यहाँ सिर्फ कंकाल शेष ना रह जाएं।” ~ बाल गंगाधर तिलक

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महान उपलब्धियाँ कभी भी आसानी से नहीं मिलती और आसानी से मिली उपलब्धियाँ महान नहीं होतीं।” ~ बाल गंगाधर तिलक आपका लक्ष्य किसी जादू से नहीं पूरा होगा, बल्कि आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना पड़ेगा।” ~ बाल गंगाधर तिलक

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कमजोर ना बनें, शक्तिशाली बनें और यह विश्वास रखें की भगवान हमेशा आपके साथ है।” ~ बाल गंगाधर तिलक “यदि हम किसी भी देश के इतिहास को अतीत में जाएं, तो हम अंत में मिथकों और परम्पराओं के काल में पहुंच जाते हैं जो आखिरकार अभेद्य अन्धकार में खो जा

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“कर्त्तव्य पथ पर गुलाब-जल नहीं छिड़का होता है और ना ही उसमे गुलाब उगते हैं.।” ~ बाल गंगाधर तिलक

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“अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये ,हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये.।” ~ बाल गंगाधर तिलक