एक आदमी ने अपने बेटे को दर्जी का काम सीखने को बिठाया |
दो महीने तुम्हें काम सीखते हो गए | इन दो महीनों में तुमने क्या सीखा ?
बेटे ने जवाब दिया - गला काटना सीख गया हूं , अब जेब काटना सीख रहा हूं |
मुझको ढूंढ लेती है रोज़ एक नए बहाने से तेरी याद वाक़िफ़ हो गयी है मेरे हर ठिकाने से
पत्नी: तुम मुझसे कितना प्यार करते हो?पति: शाहजहां से भी ज्यादा.पत्नी: मेरे मरने के बाद ताजमहल बनाओगे.पति: मैं तो प्लॉट ले भी चुका हूं पगली देर तो तू ही कर रही है.
किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता
मुस्कुराओ क्या गम है,
जिंदगी में टेंशन किसको कम है,
अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है,
जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है!!