जुम्बिश लबों की तेरी दस्तक थी दिल पे मेरे,
उफ़्फ़ बेक़रारी-ए-दिल था इंतज़ार एक हाँ का!
पके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है,बहुत सर्द होती है, मगर इनमें दिल सुलगता है।
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।