“हमारी संख्या नहीं बदलती,
लेकिन हमेशा एक नयी शुरुआत
का मौका देती हैं।”
ज़िन्दगी जब भी मुझे लगा मैंने तुझे पढ़ लिया,लेकिन न जाने क्यों कम्बख़्त तूने एक और पन्ना खोल दिया
ज़िन्दगी जब भी मुझे लगा मैंने तुझे पढ़ लिया,
लेकिन न जाने क्यों कम्बख़्त तूने एक और पन्ना खोल दिया
Kitnaa khouf hota hai shaam ke andheroo mein,
Poonch un parindoo se jin ke ghar nahi hote.
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
पापा को अपने आज क्या उपहार दू,
तोहफे दे फूलों के या गुलाबों का हार दू,
हमारी जिंदगी में जो है सबसे प्यारे,
उन पर तो अपनी जिंदगी ही वार दू।