खोल दे पंख मेरे, कहता है परिंदा,
अभी और उड़ान बाकी है, जमीन नहीं है
मंजिल मेरी, अभी पूरा आसमान बाकी है।
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए
आपको खुशियों का संसार नज़र आएगा
जो बांधने से बंधे… और तोड़ने से टूट जाये…
उसका नाम है “बंधन”
जो अपने आप बन जाये… और जीवन भर ना टूटे…
उसका नाम है “संबंध”
अपनी कमियाँ पूरी दुनिया से छिपाइए,
लेकिन अपनी कमियाँ कभी खुद से मत छिपाइए
अपनी कमियाँ खुद से छिपाने का मतलब होता है,
अपने आप को खुद बर्बाद करना
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता हैं.