कोई है जो दुआ करता है अपनों मे मुझे भी गिना करता है,
बहुत खुशनसीब समझते है हम खुद को,
दूर रह कर भी जब हमें कोई प्यार किया करता है..!!
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद!!
वो मुस्कुरा के मुकरने
की अदा जानता है
मैं भी आदत बदल
लेता तो सुकून में होता
साथ रोती थी हँसा करती थी
एक परी मेरे दिल में बसा करती थी
किस्मत थी हम जुदा हो गए वरना वो
मुझे अपनी तकदीर कहा करती थी
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।