जिन्दगी में इतना भी दूर न जाना कि हम आपसे मिल न पायें,
यूं हमें ही याद करते रहना,कहीं हम आपके दिल से निकल न जायें।
बड़े प्यार से तराशा था उस संगेमरमर कोबड़ा नाज़ था उसे अपने आप पर.एक दरार क्या पड़ीकिसीने मुड़ कर देखना तक गंवारा न समझा.
सर्दी में भी ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए,
ज्यादा ठंड लगे तो रजाई में घुस जाना चाहिए…
लगता है मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर …
मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी यूँ ही तो नहीं है …
Hamen Taameer Ke Dhokhe Mein Rakhakar Hamaare Khvaab Chunavaaye Gae Hain