चांद को बैठाकर पहरों पर, तारों को दिया निगरानी का
काम एक रात सुहानी आपके लिए, एक स्वीट सा “ड्रीम”
आपकी आँखों के नाम।💌
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं.
अगर मै हद से गुज़र जाऊ तो मुझे माफ़ करना,तेरे दिल में उत्तर जाऊ तो मुझे माफ़ करना,रात में तुझे देख के तेरे दीदार के खातिर,पल भर जो ठहर जाऊ तो मुझे माफ़ करना!!!!शुभरात्रि दोस्तों !!
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है,प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है,तेरी याद कुछ इस तरह आती है,नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है।
आपके होठों पे मुस्कान भेज दूँ,आपके पास अपनी यादें भेज दूँ,सोने का हुआ है वक्त अभी,आपके लिए प्यारा सा ख्वाब भेज दूँ.Good Night.