अपनी जिंदगी में अगर वाकई कुछ हासिल करना है
तो, अपने तरीकों को बदलों अपने इरादों को कभी नहीं।
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?