दिल तो करता है कि रोज मिल
सकें पर ये मुमकिन नहीं,
खैर हक़ीक़त में ना सही
ख़्वाबों में तो तुमसे मिल ही लेंगे हम।
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है,प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है,तेरी याद कुछ इस तरह आती है,नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है।
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं.
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए,कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए,आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!
रात है काफ़ी, ठंडी हवा चल रही है,
याद में आपकी किसी की मुस्कान खिल रही है,
उनके सपनो की दुनिया में आप खो जाओ,
आँख करो बंद ओर आराम से सो जाओ