ख़ौफ़😡 और खून☠ हमेशा आँखों 👀में रखो,
क्योंकि👊 हथियारों से सिर्फ 🃏 दुश्मन $ की😏
हड्डिया टूटती 💪है 😎 हौसले 👊
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?