तेरे अहसास की खुशबू रग रग में समाई है,
अब तू ही बता क्या इसकी भी कोई दवाई है।
सिसक कर पूछती हैमुझसे ये तनहाईय़ाजो बड़े हमदर्द थे तेरेआखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
सिसक कर पूछती है
मुझसे ये तनहाईय़ा
जो बड़े हमदर्द थे तेरे
आखिर वो बेबफाई कैसे कर गये.
आप खुद नही जानती आप कितनी प्यारी हो,
जान तो हमारी पर जान से प्यारी हो,
दूरियों के होने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता,
आप कल भी हमारी थी आज भी हमारी हो!!
उन को चाहना मेरी मोहब्बत है उन्हें कह न पाना मेरी मजबूरी है वो खुद क्यों नही समझता मेरे दिल की बात को क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है
तेरे सीने से लगकर तेरी आरजू बन जाऊँ,
तेरी साँसो से मिलकर तेरी खुश्बू बन जाऊँ,
फासले ना रहें कोई तेरे मेरे दरमिआँ,
मैं...मैं ना रहूँ बस तू ही तू बन जाऊँ।