सोच अच्छी होनी चाहिए ,क्योंकि नज़र का इलाज़ तो मुमकिन हैं ,पर नजरिये का नहीं !
सोच अच्छी होनी चाहिए ,
क्योंकि नज़र का इलाज़ तो मुमकिन हैं ,
पर नजरिये का नहीं !
Suruaat Se Dekhne Ki Aadat He Hume..Chahe Vo Film Ho Ya Dushman Ki Barbadi..
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम
विद्या के अलंकार से अलंकृत होने पर भी दुर्जन से दूर ही रहना चाहिए,
क्योंकि मणि से भूषित होने पर भी क्या सर्प भयंकर नहीं होता
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|