पैसों से इन्सान सब कुछ नहीं खरीद सकताजैसे मरे हुए को जिंदा करना
पैसों से इन्सान सब कुछ नहीं खरीद सकता
जैसे मरे हुए को जिंदा करना
भय से तब तक ही डरना चाहिये जब तक भय (पास) न आया हो। आये हुए भय को देखकर बिना शंका के उस पर् प्रहार् करना चाहिये।
धैर्य हमेशा आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा,
लगन आपको मंजिल तक अवश्य पहुंचाएगा,
मूल्यवान है ज़िन्दगी का हर लमहा,
इसे व्यतीत न करें बल्कि जी भर के जियें।
घमंड ही नहीं गुरुर है अपने किसान होने का।
बढ़ रही हैं कीमते अनाज की,
पर हो न सकी विदा बेटी किसान की
जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।