किसानो के चेहरे पर जो झुर्रियाँ है,
वही भारत के तरक्की की सुर्खियाँ है.
मेरे दोस्तों ने इकट्ठा किया मेरे ही कत्ल का सामान,
मैंने उनसे कहा,
यारो तुम्हारी नफरत ही काफी थी मुझे मारने के लिए……
हर कोई प्यार के लिए तड़पता है
हर कोई प्यार के लिए रोता है
मेरे प्यार को गलत मत समझना
प्यार तो दोस्ती में भी होता है
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ,जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ,मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह,तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ।