खिड़की से झांकता हूँ मै, सबसे नज़र बचा कर
बेचैन हो रहा हूँ, क्यों घर की छत पे आ कर
क्या ढूँढता हूँ, जाने क्या चीज खो गई है,
इन्सान हूँ, शायद मोहब्बत हमको भी हो गई।
स्टाइल तो सिर्फ शौक के
लिए है, वरना लोगो के
लिए मेरी नशीली आँखों
के इशारे ही काफी है!!
Aa Bhi Jaao Meri Aankhon Ke Rubaru Ab Tum,
Kitna Khwabon Mein Tujhe Aur Talasha Jaye.
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
Aap Jab Tak Rahenge Aankho Mein Najara Bankar,
Roj Aayenge Meri Duniya Mein Ujala Bankar.