Khamosh muhabbat ka
ehsaas hai wo,
mere khwahish mere jajbat
hai wo, aksar ye khyal kyu
aata hai dil mai,
meri pahli khoj or aakhiri
talash hai wo
तुम्हें गुमां है कि मैं जानता नहीं कुछ भी,मुझे ख़बर है कि रस्ता बदल रहे हो तुम।
पत्नि : सुनो मेरे मुहं मे मच्छर चला गया, अब क्या करू..?
पति : पगली ऑल आउट पी ले, 6 सेकेंड में काम शुरू।
चौदहवीं रात के इस चाँद तलेसुरमई रात में साहिल के क़रीब दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू ईसा के हाथ से गिर जाए सलीब बुद्ध का ध्यान चटख जाए ,कसम से तुझ को बर्दाश्त न कर पाए खुदा भी दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू चौदहवीं रात के इस चाँद तले !
“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है,…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं”….