इन अश्कों की आंखों से जुदाई कर देना,
अपने दिल से सारे गमो की जुदाई कर देना,
अगर फिर भी दिल न लगे जाने वफ़ा,
तो आकर मेरे घर की सफाई कर देना।
कोई पुछ रहा हे मुजसे मेरी जीन्दगी की कीमंत....मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना......
मालिक: अभी तक तुझ से मच्छर नहीं मरे ?
मेरे कानों में गुनगुना रहे हैं |
नौकर: साहब, मैंने मच्छर मार दिए हैं,
ये तो उनकी बीवियां हैं जो विधवा हो कर रो रहीं हैं |
जब कोई पटाखा थोडा सा जलकर फुस्स हो जाता है तो उसे पैर से कुचल कर कुछ लोग ऐसे फील लेते है जैसे टाइम बम defuse करके दुनिया को बचा लिया हो....
ना छेड़ किस्सा ए उल्फत ,
बड़ी लम्बी कहानी है ।।
मैं जमाने से नहीं हारा ,
बस किसी की बात मानी है…..