चाँद तारो से रात जगमगाने लगी,
फूलों की खुश्बू से दुनिया महकने लगी,
सो जाइये रात हो गयी है काफ़ी,
निंदिया रानी भी आपको देखने है आने लगी
ए पलक तु बन्द हो जा,ख्बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी,इन्तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी,कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी|
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं.
हम अपनों से खफ़ा हो नहीं सकते,प्यार के रिश्ते बेवफा हो नहीं सकते,तुम हमें भुला कर भले ही सो जाओ,हम तुम्हे याद किये बिना सो नहीं सकते.